हैदराबाद। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि भारत का पहला स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप 2025 में लॉन्च होगा। केशव मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी के 85वें स्थापना दिवस के मौके पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर उद्योग में एक वैश्विक महाशक्ति बनने जा रहा है।
वैष्णव ने बताया कि आज भारत के कई शहरों जैसे हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे, गुरुग्राम और चेन्नई में दुनिया के सबसे जटिल चिप्स डिजाइन किए जा रहे हैं। अब हम सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्माण की शुरुआत कर रहे हैं।
‘हमने पहले ही छह सेमीकंडक्टर प्लांट्स को मंजूरी दे दी है। उनका निर्माण कार्य चल रहा है। 2025 तक हमारे पास मेड इन इंडिया चिप होगा,’ वैष्णव ने कहा।
केंद्रीय मंत्री ने भारत एआई मिशन का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इसके तहत मुफ्त डेटासेट और अन्य संसाधन अपलोड किए जा रहे हैं। साथ ही 10 लाख लोगों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
वैष्णव ने आगे कहा कि 2047 तक भारत दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। उन्होंने बताया कि दुनिया में बड़ा बदलाव हो रहा है और पश्चिमी देशों के वर्चस्व वाली अर्थव्यवस्था अब ‘पूर्वी गोलार्ध’ द्वारा प्रतिस्थापित की जा रही है।
इस घोषणा से भारत के टेक्नोलॉजी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने की उम्मीद जगी है। सेमीकंडक्टर चिप्स का स्वदेशी उत्पादन शुरू होने से इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में भारत की निर्भरता कम होगी और देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण स्थान मिलेगा।
केंद्र सरकार के इस कदम से टेक्नोलॉजी क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और देश के युवाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के कौशल विकसित करने का मौका मिलेगा। सेमीकंडक्टर चिप्स का घरेलू उत्पादन बढ़ने से इलेक्ट्रॉनिक सामानों की कीमतों में भी कमी आने की संभावना है।